आधुनिक जीवनकाल में मनुष्य की उम्र का घटाव बढ़ता जा रहा है इसके कई कारण है वर्तमान में मनुष्य की औसत उम्र घटती जा रही है | बदलता प्राकृतिक परिवेश इसका मुख्य कारण है जहाँ एक और मनुष्य की उम्र घट रही है वही दुसरी और इस कम उम्र के जीवनकाल में भी मनुष्य को कई प्रकार की शारारिक समस्याओ का सामना करना पड़ता है |
वर्तमान समय में मनुष्य की अधिक से अधिक औसत उम्र 100 वर्ष है लेकिन ये भी बहुत कम लोग प्राप्त करते है | लेकिन हमारे प्राचीन ग्रंथो में मनुष्य की उम्र को लेकर कई प्रकार के उल्लेख किये गए है | आयुर्वेद शास्त्र के अनुसार मनुष्य की आयु लगभग 150 वर्ष बताई गई है वही प्राचीन काल में मनुष्य की उम्र 300 वर्ष से 400 वर्ष तक बताई गयी है |
हमारे सामने ऐसे कई उदाहरण है जिससे ये साबित होता है की मनुष्य 1000 वर्ष तक भी जीवित रह सकता है | उदाहरण के तोर पर देवहरा बाबा 750 वर्ष तक जिंदा रहे और उनकी मौत 1990 में हो गई थी | वही त्रैलंग स्वामी के नाम से विख्यात जिन्हें 'गणपति सरस्वती' भी कहते हैं, उनकी उम्र 286 वर्ष की थी, कहते हैं त्रैलंग स्वामी का जन्म नृसिंह राव और विद्यावती के घर 1601 को हुआ था | इसी तरह शिवपुरी बाबा थे, जो 27 सितंबर 1826 में जन्मे और जनवरी 1963 में उन्होंने देह त्याग दी | बंगाल के संत लोकनाथजी का जन्म 31 अगस्त 1730 को हुआ और 3 जून 1890 को उन्होंने देह त्याग किया |
हिन्दू पौराणिक ग्रंथों के अनुसार प्राचीन समय में ऐसे कई देवपुरुष थे, जो सैकड़ों और हजारों वर्षों तक जीवित रहे थे | पुराणों के अनुसार अश्वत्थामा, बलि, व्यास, जामवंत, विभीषण, कृपाचार्य, परशुराम और मार्कण्डेय ऋषि के अलावा अन्य कई ऐसे लोग हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि वे आज भी जीवित हैं |
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